यह रात आयी फिर उनकी याद आयी, यह हवा जो मुझे छूकर गुजरी लगता उनका सन्देश लायी, सुबह उनसे मिलने की चाहत थी, इसलिए मेरे आँखों से नींद ग़ायब थी ||
====रोहित सिंह====
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