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वजह

रोहित सिंह काव्य
रोहित सिंह काव्य
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आदत बन गयी मेरी तू,
जो भुलाया न जा सके ऐसी याद बन गयी है तू,
जिसे देखकर होठों पर मुस्कान आ जाये वह हंसी की वजह है तू,
जिसे देखकर हर बार मेरी आंखें खुल जाएं वो हसी ख्वाब है तू।

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