रोहित सिंह काव्य
- 98 Posts
- 2 Comments
बहन मेरी जिम्मेदारियों ने तुजसे दूर रखा है,
जिस रेशम की डोर में तेरा प्यार है उस रेशम की डोर से महरूम रखा हैं,
लेकिन मेरी बहन मै चाहे तुजसे कितना भी रहु दूर तेरी दुआओ मुझे संभाल रखा है,
लेकिन मेरी बहन मैं चाहें तुजसे कितना भी रहु दूर तेरी रक्षा और ना आये तेरी आँखों में कभी आँसू इस वचन को मरते दम तक निभाने का मैंने कसम खा रखा हैं ||
Read Comments