रोहित सिंह काव्य
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यू तो हम आँखों से आँसू बहाये जा रहे है,
बस दुनिया को दिखाने के लिए हम मुस्कराये जा रहे है,
क्योंकि दुनियावालो को आदत है हर गम का कारण जानने की,
मैं उनको अपने आँसुओ का कारण बता नहीं सकता,
क्योंकि मैं तेरा नाम बताकर दुनिया में तुझे बदनाम नहीं कर सकता ||
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