रोहित सिंह काव्य
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वह आयी एक रात मुझसे आखिरी बार मिलने,
कहती है तुम मुझे भुल जाओ अब ना होगी कोई मुलाकात ना होगी कोई बात तुमसे,
हमने भी कहा मैने तुमसे प्यार किया मै भी तुमसे नही पुछुगा ऐसी भी क्या खता हो गई हमसे,
एक आखिरी गुजारिश करता हुँ तुमसे,
इस आखिरी रात को तेरे चेहेरे को देख लु जी भर के,
शायद फिर ऐसी रात कभी ना आये मेरी जिन्दगी मे,
इस रात के हर एक पल को ही जी लुँ जी भर के,
शायद इस रात के बाद ना हो मुलाकात तुमसे,
ऐ रात तु बितना ना इतना जल्दी बस इतना सा एहसान करदे मुझपे
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